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चंडीगढ़ में PM Narendra Modi के कार्यक्रम पर विवाद, कांग्रेस ने उठाए प्रशासन के खिलाफ सवाल

चंडीगढ़ में PM Narendra Modi के आगामी कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र को लेकर एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस पार्टी ने निमंत्रण पत्र में नाम न छापने को लेकर प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। इस निमंत्रण पत्र में जहां राजीव सभा सांसद सतनाम संधू का नाम अंकित है, वहीं चंडीगढ़ के चुने हुए सांसद मनीष तिवारी का नाम नहीं है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार का नाम भी निमंत्रण पत्र पर होना चाहिए था, क्योंकि ये दोनों नेता चंडीगढ़ के निवासियों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि हैं।

“चंडीगढ़ की जनता का अपमान किया गया”

कांग्रेस पार्टी के राज्य महासचिव हरमेल केसरी ने कहा कि चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी का नाम निमंत्रण पत्र में न छापना प्रशासन और सरकार की ओर से चंडीगढ़ के निवासियों को नजरअंदाज करने जैसा है। उन्होंने कहा, “मनीष तिवारी चंडीगढ़ के चुने हुए सांसद हैं, जबकि सतनाम संधू को राजीव सभा के लिए नामित किया गया है। मनीष तिवारी को नजरअंदाज करना चंडीगढ़ की जनता का अपमान है। प्रशासन को पब्लिक द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को प्राथमिकता देनी चाहिए, ना कि पक्षपाती राजनीति करनी चाहिए।”

चंडीगढ़ में PM Narendra Modi के कार्यक्रम पर विवाद,  कांग्रेस ने उठाए प्रशासन के खिलाफ सवाल

कांग्रेस ने 10 साल बाद जीती चंडीगढ़ सीट

गौरतलब है कि कांग्रेस ने पिछले दस वर्षों के बाद चंडीगढ़ की लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है। यह जीत आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में हुई थी। इससे पहले जब मणि माजरा में 24 घंटे जलापूर्ति शुरू करने का प्रोजेक्ट शुरू हुआ था, तब गृह मंत्री अमित शाह आए थे और इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद किरण खेर और राजीव सभा सांसद सतनाम संधू मंच पर उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में मनीष तिवारी का नाम अनुपस्थित था।

कांग्रेस और भाजपा के बीच लोकसभा चुनावों के बाद से राजनीतिक तनातनी बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा बनाई जा रही समितियों में भी भाजपा के नेताओं को स्थान मिल रहा है।

“भाजपा कार्यकर्ताओं को भी कार्यक्रम में बुलाया गया”

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पंजाब में इंजीनियरिंग कॉलेज कार्यक्रम में भी भाजपा कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। इसके अलावा, चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड का गठन हाल ही में किया गया था जिसमें भाजपा के एक नेता को शामिल किया गया था। कांग्रेस नेता सतीश केंथ ने कहा, “चुने गए सांसद मनीष तिवारी को जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है। जबकि मेयर का नाम भी निमंत्रण पत्र में होना चाहिए था क्योंकि सांसद मनीष तिवारी केवल कांग्रेस के नहीं, बल्कि पूरी चंडीगढ़ की जनता के प्रतिनिधि हैं।”

भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा लोकसभा चुनावों को लेकर घबराई हुई है। उन्होंने कहा, “मनीष तिवारी ने लोकसभा में चंडीगढ़ के कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए थे, जिनका जवाब सरकार को देना पड़ा था। मनीष तिवारी ने ऐसे मुद्दे उठाए जिनका समाधान अब तक नहीं हुआ है, जैसे मेट्रो प्रोजेक्ट, रिहैबिलिटेशन कॉलोनियों में मकानों के स्वामित्व का मामला और फ्री होल्ड के बारे में, जिन पर भाजपा पिछले दस सालों से राजनीति करती रही है।”

AAP ने भी मुद्दा उठाने की दी धमकी

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं का कहना है कि मनीष तिवारी और मेयर कुलदीप कुमार का नाम निमंत्रण पत्र पर न छापे जाने का मामला वे आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसे प्रशासन की ओर से जानबूझकर किया गया भेदभाव करार दिया और कहा कि इस मुद्दे को वे विधानसभा में उठाएंगे और इस पर सरकार से जवाब मांगेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम का विवरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को चंडीगढ़ में तीन नए कानूनों की समीक्षा बैठक में भाग लेंगे। यह कार्यक्रम पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (PEC), चंडीगढ़ में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देश के कई बड़े राजनेता और अधिकारी उपस्थित होंगे। चंडीगढ़ में इस कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम चंडीगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि इसमें तीन नए कानूनों पर चर्चा की जाएगी, जो चंडीगढ़ के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस पार्टी इस कार्यक्रम के आयोजन और निमंत्रण पत्र के मुद्दे पर सरकार और प्रशासन से सवाल उठा रही है।

निष्कर्ष: राजनीति में एक और मोड़

चंडीगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र को लेकर उभरा यह विवाद राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया है। कांग्रेस पार्टी ने यह आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ के जनता द्वारा चुने गए सांसद मनीष तिवारी और मेयर कुलदीप कुमार को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है। कांग्रेस ने इसे चंडीगढ़ की जनता का अपमान करार दिया और प्रशासन से मामले में हस्तक्षेप की मांग की। वहीं, भाजपा और आम आदमी पार्टी ने इसे अपने-अपने राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा है।

यह विवाद फिलहाल चंडीगढ़ में चर्चा का विषय बन गया है और अब देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस मुद्दे पर किस तरह की प्रतिक्रिया देती है।

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